पंजाब

वार्ड 78 में खुलेआम चल रहा चिट्टे व स्मैक का कारोबार, मधुवन कॉलोनी में बिक रही राजू की शराब, पीसीआर जाती है पर हिस्सा लेकर लौट आती है, क्या नए एसएचओ करेंगे कार्रवाई?

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
विधानसभा चुनाव में हर बार नशे का मुद्दा जोर पकड़ता और चुनाव के बाद ठंडा पड़ जाता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। जालंधर के वार्ड 78 शहीद बाबू लाभ सिंह नगर और मधुवन कॉलोनी के आसपास के इलाके पूरी तरह से नशे की जद में हैं लेकिन पुलिस इसके रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। स्थानीय लोगों की शिकायत के बावजूद इस काले कारोबार पर अंकुश नहीं लग सका है।
जानकारी के मुताबिक, वार्ड 78 में लवली किराना स्टोर के साथ वाले मैदान में चिट्टा और स्मैक का कारोबार खुलेआम चल रहा है। इन काले कारोबारियों के कारनामों की भनक जब पीसीआर कर्मियों को लगी तो वे मौके पर तो पहुंचे लेकिन इस काले कारोबार को बंद कराने की जगह अपनी जेबें भरकर चलते बने। अब यहां से उनका महीना सेट हो चुका है इसलिए वे लोग इन नशा तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते। परेशान स्थानीय लोगों ने लगभग 12 दिन पहले थाना बस्ती बावा खेल के एसएचओ अवतार सिंह से मामले की शिकायत की थी। अवतार सिंह ने उन्हें कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया था लेकिन कार्रवाई आज तक नहीं हुई। इस बीच जिले के कई एसएचओ बदल दिये गये। अवतार सिंह अब चार नंबर थाने में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। अब सारी जिम्मेदारी नए एसएचओ की बनती है। उन्हें अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए नशे के इस काले कारोबार को बंद कराकर नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे भेजना होगा। इस काले कारोबार का खुलासा करने में एक दड़े सट्टे ‌का कारोबारी पुलिस के बेहद काम आ‌ सकता है। इसका नाम जज बताया जाता है और वह अमर नगर का रहने वाला बताया जाता है। स्थानीय लोगों का ‌कहना है कि अगर पुलिस जज नाम के इस व्यक्ति को पकड़कर सख्ती से पूछताछ करे तो नशा तस्करों के पूरे गिरोह और उनके खेल का पर्दाफाश आसानी से हो सकता है। नशे के सौदागर 25 सौ से तीन हजार रुपये में नशे की दो पुड़िया बेचते हैं। इससे यहां की युवा पीढ़ी को नशे की लत लगती जा रही है।
इतना ही नहीं अवैध शराब का काला कारोबार भी यहां तेजी से फल फूल रहा है। बताया जाता है कि कोई राजू नाम का व्यक्ति मधुवन कॉलोनी के पास खुलेआम अवैध शराब का काला कारोबार करता है लेकिन पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। सूत्र बताते हैं कि कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से अवैध शराब का यह काला कारोबार धड़ल्ले से खुलेआम चल रहा है। अब देखना यह है कि क्या नए एसएचओ इस काले कारोबार पर अंकुश लगाकर नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे भेजेंगे या फिर भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की तरह अपना हिस्सा लेकर इस काले कारोबार को हरी झंडी दे देंगे।

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