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पिछड़ों और दलितों के साथ ही मुस्लिम मतदाताओं पर भी फोकस कर रहे डॉ. अनीस बेग, रोजा इफ्तार पार्टियों में दिख रहा असर, सपा के पक्ष में वोट प्रतिशत बढ़ाने पर है जोर, पढ़े कैसे पलट सकती है बाजी?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
रमजान का पाक महीना वैसे तो खुदा की इबादत का महीना होता है लेकिन रोजा इफ्तार पार्टियां भाजपा विरोधी सियासत दलों के लिए मुस्लिम वोटों पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाने का एक मौका भी होता है। यही वजह है कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव भी इन पार्टियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। गुरुवार को एआईयूएमएल की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में सोनिया गांधी, अखिलेश यादव, जया बच्चन, शशि थरूर और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी नजर आए। पार्टी अध्यक्षों और आला नेताओं के नक्शे कदम पर बरेली के नेता भी चल रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. अनीस बेग भी इनमें से एक हैं। वह लगातार इफ्तार पार्टियों में शामिल होकर हर आम-ओ-खास मुस्लिम को गले लगा रहे हैं। साथ ही खुद भी इफ्तार पार्टी का आयोजन कर रहे हैं। ये सारी कवायद लोगों में खुशियां बांटने के साथ ही समाजवादी पार्टी के आधार वोट बैंक को जोड़ने के लिए भी की जा रही है।


दरअसल, वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कैंट विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार को महज आठ हजार वोटों के अंतर से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इसकी सबसे बड़ी वजह हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण और मुस्लिम वोटों का अभाव रहा। ऐसा नहीं है कि मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी के हिस्से में नहीं आए, लेकिन मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में वोट प्रतिशत सिर्फ 50 से 53 प्रतिशत औसत ही रहा। अगर मुस्लिम वोटों का प्रतिशत बढ़ा होता तो कैंट विधानसभा सीट निश्चित रूप से सपा के खाते में आ सकती थी। इस बार पार्टी को इसका नुकसान न झेलना पड़े इसलिए डॉ. अनीस बेग ने चुनाव से लगभग दो साल पहले से ही मुस्लिम वोटरों को साधना शुरू कर दिया है। वह मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी उतने ही सक्रिय हैं जितने कि पिछड़ों और दलितों के क्षेत्र में। रमजान के पाक महीने में वह लगातार पुराने शहर के गली-मोहल्लों का न सिर्फ दौरा कर रहे हैं बल्कि रोजा इफ्तार पार्टियों में शिरकत भी कर रहे हैं। एक ऐसी ही पार्टी का आयोजन अब्बासी समाज और शारिक अब्बासी की ओर से किया गया था। इसमें कई नामी हस्तियों के साथ डॉ. अनीस बेग ने भी शिरकत की। इस पार्टी में सपा महिला जिला अध्यक्ष स्मिता यादव, गजल अंसारी, अय्यूब अंसारी, दीपक शर्मा, नेहा, सम्राट अनुज मौर्य, डॉक्टर शकील अहमद बदायूंनी, श्याम लाल पाल, शम्यून खान, फसाहत नूर खान, फरहत नकवी, डॉक्टर मोहम्मद जावेद, राहत रजा खान, फहद अहमद, मिर्जा बिलाल बेग, रईस अहमद सैफी सहित कई हस्तियां शामिल हुईं।


इसके अलावा भी अनीस बेग कई रोजा इफ्तार पार्टियों में रोजाना शिरकत कर रहे हैं। इस पूरी कवायद का एक मकसद मुस्लिम समाज को यह एहसास दिलाना भी है कि पार्टी मुस्लिमों को सिर्फ अपना आधार वोट बैंक ही नहीं समझती है बल्कि पार्टी के लिए उनकी अपनी एक अलग महत्ता है। पार्टी नेता आज भी उनके उसी तरह अपने हैं जितने कि स्व. मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल के दौरान हुआ करते थे। वह अपने मुस्लिम समाज के लोगों को यह भी एहसास दिला रहे हैं कि अखिलेश यादव ने जो पीडीए का नारा दिया है उसका एक अहम अंग मुस्लिम समुदाय भी है।


अगर पार्टी नेता इसी तरह कैंट के मुसलमानों को साधकर रखेंगे तो निश्चित तौर पर सपा के पक्ष में 2027 के चुनावों में मुस्लिम वोटों का प्रतिशत 70-75% तक भी जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो सपा की जीत को रोकना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
बहरहाल, बताया जाता है कि डॉक्टर अनीस बेग ने कैंट विधानसभा सीट के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में वोट प्रतिशत में 20% की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा है।

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