पंजाब

एटीपी सुखदेव वशिष्ठ पर भ्रष्टाचार का झूठा मामला, विजिलेंस की कार्रवाई सवालों के घेरे में, नशा तस्करों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की चुकानी पड़ी कीमत

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नीरज सिसौदिया, जालंधर

जालंधर में नशा तस्करों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करने वाले एटीपी सुखदेव वशिष्ठ को इसकी कीमत चुकानी पड़ी है। माफिया के साथ मिलीभगत कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का झूठा मामला दर्ज किया गया है। विजिलेंस की इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, एटीपी सुखदेव वशिष्ठ ने हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें मोला, निशा सागर खान सहित कई नशा तस्करों के घरों पर बुलडोजर चलाया गया था। इससे माफिया वर्ग में हड़कंप मच गया था। लेकिन लगता है कि इसी का नतीजा है कि अब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का झूठा मामला दर्ज किया गया है।

विजिलेंस की इस कार्रवाई को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। क्या यह कार्रवाई वास्तव में निष्पक्ष है या फिर इसके पीछे कोई राजनीतिक या माफिया की मिलीभगत है? एटीपी सुखदेव वशिष्ठ की ईमानदारी और निष्ठा पर सवाल उठाना कितना जायज है? इन सवालों का जवाब जल्द से जल्द मिलना जरूरी है।

इसके अलावा, इससे पहले भी विजिलेंस कई बार सुखदेव वशिष्ठ की जांच कर चुकी है, लेकिन उसे कुछ हासिल नहीं हुआ था। सिर्फ सुखदेव को पूछताछ के नाम पर घंटों इंतजार करवाकर परेशान किया जाता था। अब देखना यह है कि विजिलेंस विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और एटीपी सुखदेव वशिष्ठ के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कैसे होती है।

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