हरियाणा

 सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान किया तो होगी कार्रवाई

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रमेश तंवर, कैथल

जिलेभर के पुलिस अधिकारियों ने तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां के दुष्प्रभावों एंव कोटपा को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में संबध हैल्थ फाउंडेशन(एसएचएफ), फोर्टिस फाउंडेशन व पुलिस की और से सेामवार को जागरुकता एंव प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जाना। पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी के निर्देश पर हुई इस कार्यशाला के बाद सभी पुलिस थाना क्षेत्रों में (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) कोटपा एक्ट में हो रही कार्याही में तेजी लाई जायेगी। इसके साथ ही तय किया गया कि प्रत्येक शनिवार को विश्ेाष अभियान चलाकर कोटपा में चालान की कार्यवाही को सुनिश्चत किया जायेगा।

जिला पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने बताया कि सभी को स्वस्थ वातावरण और स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है। इसलिए जो लेाग सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करतें है, उससे पर्यावरण दूषित हेाता है और जबकि नॉन स्मोकर को भी स्वच्छ हवा लेने का संवैधानिक अधिकार है, इसलिए हम सभी का मौलिक कर्तव्य है कि उनके अधिकारों का हनन नहीं हो।

उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी को मिलकर सामूहिक रुप से प्रयास करने होंगे, तभी सभी को स्वच्छ वातावरण मिल पायेगा। सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट इत्यादि का सेवन करने से नॉन स्मोकर को बहुत अधिक नुकसान होता है। इसके लिए सभी को साथ मिलकर इस अभियान में सहयेाग करना होगा, तभी हम इस सिटी को स्वच्छ और स्वस्थ बना पाएंगे।

संबध हैल्थ फाउंडेशन के सीनियर मैनेजर डा.सेामिल रस्तौगी ने बताया जिलेभर के पुलिस अधिकारियेंा को इसके लिए केाटपा एक्ट में किस प्रकार से कार्यवाही हो इसके लिए जानकारी दी गई है। कैथल सिटी के पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके बाद सभी का सामूहिक प्रयास है कि आम जनता में तथा सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों का उपभोग कम हो। उन्होने बताया कि सभी पुलिस थानों के द्वारा जागरुकता अभियान के बाद नियमित रुप से कोटपा एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी। ताकि युवाओं को इस प्रकार की बुराई से बचाया जा सके।

बढ़ रहे हैं कैंसर रोगी

वर्तमान में अस्पतालों में कैंसर के जो रोगी बढ़ रहे है। इन दिनों अस्पतालों में जो इससे पीडि़त आते है उनमें पहले की अपेक्षा कम उम्र के लोग आ रहे है। इसलिए यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है। तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों में निकोटिन होता है जो कि हेरोइन से भी अधिक खतरनाक होता है। इनमें केवल 5 प्रतिशत से कम लोग ही निकोटिन को छोड़ पाते हैं। इसलिए हम सभी को मिलकर इसके लिए सकारात्मक ढंग से काम करना होगा। इसलिए पुलिस अधिकारियों का भी दायित्व बनता है कि वे इसे रोकने के लिए सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा 2003) का पूरी तरह से अनुपालना करावे। जिससे कि बच्चों व युवाअेां को इससे बचाया जा सके। डा.सोमिल रस्तोगी ने कहा कि किशोर उम्र के जो लड़के लड़कियां धूम्रपान करते हैं, उनमें से एक तिहाई से अधिक तंबाकू से जुड़ी बीमारियेां से पीडि़त होकर दम तोड़ देतें है। अकेले हरियाणा में करीब 28 हजार लेाग प्रतिवर्ष बेमौत इससे मर रहे है। करीब 43 लाख लोग हरियाणा में तंबाकू का सेवन करते हैं। ग्लोबल एडल्ट टोबेको के सर्वे के अनुसार भारत में तंबाकू की लत 17 साल की उम्र में लग जाती है। ग्लोबल यूथ टोबेको के सर्वे में सामने आया कि भारत के 20 प्रतिशत से अधिक बच्चे तंबाकू के उत्पादों का प्रयोग करते हैं। प्रदेश में करीब 116 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादेां के सेवन की शुरुआत करते है, इनमें भी अधिकतर स्कूल व कालेजों में अध्ययन करने वाले शामिल है।

डा.रस्तोगी ने कहा कि सभी आधुनिक और प्रगतिशील राज्यों ने अपने नागरिकों के लिए एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए कोटपा कानून को कड़ाई से लागू किया है। कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों की पुलिस ने तंबाकू की खपत को कम करने में सराहनीय भूमिका निभाई है। संबध हैल्थ फाउंडेशन के जमना प्रसाद गौतम ने बताया कि कोटपा एक्ट की धारा 4, 5, 6अ, 6ब, 7 व (किशोर न्याय अधिनियम) जेजे एक्ट के बारे में जानकारी दी। वंही पुलिस अधिकारियेां को बताया गया कि सार्वजनिक स्थानेां पर कोटपा एक्ट में की जाने वाली कार्यवाही का प्रभावी असर सामने आता है। इसलिए पुलिस के द्वारा चलाए जाने वाले अभियान में इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही हो। उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थाअेां के आस पास एक सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। इसलिए शिक्षण संस्थाअों के आस पास भी इसी अभियान के दौरान कार्यवाही की जायेगी।

प्रशिक्षण के बाद हुए चालान

प्रशिक्षण के बाद शहर के कुछ सार्वजनिक स्थानेां पर कोटपा का उल्लंघन करने वालों का चालान कर जुर्माना वसूला गया।

ये हैं सार्वजनिक स्थल

सार्वजनिक स्थान जैसे शासकीय कार्यालय, मनोरंजन केंद्र, पुस्तकालय, अस्पताल, स्टेडियम, होटल, शॉपिंग मॉल, कॉफी हाउस, निजी कार्यालय, न्यायालय परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, सभागृह, लोक परिवहन, शिक्षण संस्थान, टी-स्टॉल, ढाबा और अन्य सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। इन स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर 200 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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