झारखण्ड

परिवहन भत्ता भी लेते हैं और सरकारी गाड़ी में भी घूमते हैं डीवीसी के अफसर, विभाग को लगा रहे डेढ़ करोड़ की चपत

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
पब्लिक सेक्टर के संस्थान डीवीसी को जहां एक ओर आर्थिक तंगी एवं संकट का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर डीवीसी के इंजीनियर एवं अधिकारी ही डीवीसी की लुटिया डूबोने में लगे हुए हैं।डीवीसी के बोकारो थर्मल स्थित पावर प्लांट के इंजीनियर एवं अधिकारी एक ओर जहां परिवहन भत्ता ले रहें हैं वहीं दूसरी ओर वे डीवीसी के संविदा पर चलने वाले वाहनों का भी धड़ल्ले से सदुपयोग कर रहे हैं जिसे देखने वाला कोई नहीं हैं।

क्या है प्रावधान

डीवीसी मुख्यालय कोलकाता के अपर सचिव एक विश्वास के पत्रांक-1389 के तहत डीवीसी के वाहनों के लिए जो ट्रांसपोर्ट पाॅलिसी निर्धारित की गयी है उसके तहत डीवीसी के अध्यक्ष को 2000 सीसी,सभी बोर्ड मेंबरों और सीवीओ को 1800 सीसी तथा सभी ईडी,प्रिंसिपल चीफ,सीई एक एवं सीई दो को 1400 सीसी के एसी वाहन घर से डयूटी आने जाने के लिए मुहैया कराये गये हैं।उपरोक्त वाहनों के इस्तेमाल के एवज में उक्त सभी अधिकारियों से उनके पदो के अनुसार राशि की वसूली भी की जाएगी।डीवीसी के अध्यक्ष सहित सभी बोर्ड मेंबरों और सीवीओ से वाहनों द्वारा घर से डयूटी आने जाने के एवज में प्रतिमाह दो हजार रुपया,ईडी से 16 सौ,प्रिंसिपल चीफ,सीई एक से 600 रुपया,सीई दो एवं डिप्टी चीफ से 500 रुपया प्रतिमाह वसूल किया जाएगा।

प्रावधान का किया जा रहा उल्लंघन

उपरोक्त डीवीसी के अधिकारियों के अलावा और भी किसी रैंक के अधिकारी और इंजीनियर डीवीसी के वाहनों का डयूटी से घर आने जाने के लिए अधिकृत नहीं है।ऐसे इंजीनियरों एवं अधिकारियों को परिवहन भत्ता के एवज में प्रतिमाह 4 हजार रुपया का भुगतान किया जाता है।बावजूद डीवीसी बोकारो थर्मल में कार्यपालक अभियंता,वरीय मंडल अभियंता,अधीक्षण अभियंता,संपोषण अधीक्षक एक एवं दो डीवीसी के वाहनोें का उपयोग के साथ-साथ डीवीसी का परिवहन भत्ता भी ले रहे हैं।

संविदा पर चलाये जा रहे 30 वाहन

बोकारो थर्मल में डीवीसी प्रबंधन के द्वारा संविदा पर 30 छोटे वाहन चलवाये जा रहे हैं।प्रत्येक वाहन को प्रतिमाह 30 से 40 हजार रुपया का भुगतान किया जाता है।सभी वाहनों पर डीवीसी को सालाना डेढ़ करोड़ रुपया का भुगतान करना पड़ रहा है।साथ ही परिवहन भत्ता का भुगतान करना पड़ रहा है सो अलग।स्थानीय सीएचपी में एसई के तहत तीन-तीन वाहन चलाये जा रहे हैं।

डीजीएम ने पेश की मिसाल

बोकारो थर्मल के वरीय अपर निदेशक पीके सिंह को डीजीएम में पदोन्नति मिलने के बाद उन्होंने मिशाल कायम करते हुए अपने द्वारा उठाये जाने वाले परिवहन भत्ता को नवंबर 2017 से ही लेने से इंकार करते हुए पत्र लिखकर बंद कर दिया है।इस संबंध में डीजीएम ने पूछे जाने पर कहा कि स्वविवेक भी होना चाहिए।जब वे डीवीसी के वाहन का उपयोग डयूटी आने जाने के लिए करते हैं तो फिर कैसे परिवहन भत्ता भी उठा लें।

सीवीओ ने कही थी कार्रवाई की बात

डीवीसी के सीवीओ दो बार बोकारो थर्मल दौरा के क्रम में सभी इंजीनियरों एवं अधिकारियों से कहा था कि जो डीवीसी के वाहन का उपयोग कर रहे हैं वे परिवहन भत्ता ना लें।उन्होंने कहा कि वाहन का उपयोग करने वाले इंजीनियरों एवं अधिकारियों को परिवहन भत्ता डीवीसी के हित मेें नहीं लेना चाहिए था।डीवीसी के पूर्व सीवीओ पीके सिन्हा ने भी पत्रांक-20304/760 के तहत एक आदेश निकाला था कि जो भी डीवीसी का इंजीनियर या अधिकारी डीवीसी के वाहनों का उपयोग के अलावा परिवहन भत्ता लेते हुए पकड़ा जाएगा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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