नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर नगर निगम भले ही एक है लेकिन यहां कानून तो दो चल रहे हैं| यहां कुछ कर्मचारियों के लिए अलग कानून है तो कुछ के लिए अलग| ताजा मामला सेनेटरी इंस्पेक्टरों का है| नगर निगम के सभी इंस्पेक्टर सप्ताह में सातों दिन काम करते हैं लेकिन उन्हें इसके एवज में ना तो पैसा मिलता है और ना ही कोई अतिरिक्त अवकाश। इतना ही नहीं राजपत्रित अवकाश वाले दिन भी ये काम करने को मजबूर हो जाते हैं.
निगम के अन्य कर्मचारी सप्ताह में सिर्फ 5 दिन की ड्यूटी करते हैं और शनिवार एवं रविवार को उनका अवकाश रहता है| इस दोहरे व्यवहार से खफा सैनिटरी इंस्पेक्टरों ने अब लोकल बॉडी के डायरेक्टर को एक पत्र लिखकर सप्ताह में 2 दिन अवकाश देने की मांग की है|
सेनेटरी इंस्पेक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट संजीव कालिया ने बताया कि नगर निगम के सभी कर्मचारी शनिवार और रविवार 2 दिन सप्ताह में अवकाश करते हैं| नियमानुसार उन्हें यह अवकाश सरकारी सुविधा के रूप में दिया जाता है जिसके चलते उन्हें सप्ताह में सिर्फ 5 दिन ही काम करना पड़ता है| इसके विपरीत सेनेटरी इंस्पेक्टरों को सप्ताह में सातों दिन अनिवार्य रूप से काम करना पड़ता है| उन्हें 1 दिन का भी साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जाता और ना ही इन कार्य दिवसों के बदले अवकाश दिया जाता है| शनिवार और रविवार को कार्य करने के एवज में उन्हें नगर निगम की ओर से कोई अतिरिक्त भुगतान भी नहीं किया जाता| ऐसे में वह मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं| उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग के डायरेक्टर और नगर निगम कमिश्नर को एक पत्र लिखकर अन्य निगम कर्मचारियों की तरह 2 दिन शनिवार एवं रविवार को साप्ताहिक अवकाश देने की मांग की है|