झारखण्ड

डीवीसी का ऐश पौंड का टूटना: साजिश या हादसा

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
नुरीनगर का ऐश पौंड का टूटना साजिश है या हादसा। इस पर बोकारो थर्मल में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई जानना चाह रहा है कि डीवीसी के नये ऐश पौंड़ पांच साल में ही कैसे टूट गया। जबकि पूराने ऐश 1952 में बना था। लेकिन आज तक कुछ नही हुआ। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में छाई ट्रांसपोर्टिंग का काम कोलकाता की कंपनी मां गायत्री इंटरप्राइजेज कर रही है। इससे पहले बेरमो की एक कंपनी करती आ रही थी। दो माह पूर्व बेरमो की कंपनी का काम खत्म हो गयी थी। फिर से टेंडर लेने की भरपुर कोशिश की गयी। लेकिन उस कंपनी को किसी कारण वंश निविदा नही मिली। और कोलकाता की कंपनी मां गायत्री इंटरप्राइजेज को मिल गयी। इस दौरान लगभग डेढ़ माह छाई ट्रांसपोर्टिंग का काम बंद रहा। पिछलें एक सप्ताह से छाई ट्रांसपोर्टिंग का काम शुरू हुआ है। भाकपा नेता ब्रजकिशोर सिंह कहते है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और सर्व प्रथम संबंधित अधिकारी व ठेकेदार पर मामला दर्ज किया जाए। इससे पहले भी एक मामले में डीवीसी अधिकारियों की भष्ट्राचार उजागर हुई थी। लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने कोयले के यार्ड में गुड़ का छिडकाव कर गाय को खाते हुए उच्च अधिकारियों को फोटो दिखाकर मामले को लीपापोती की थी। वह मामला काफी सुर्खियों में रहा रहा था। भाकपा के वरीय नेता मो. शाहजहां कहते है कि एक दिन पूर्व ऐश पौंड़ में कार्यरत मजदूरों ने डीवीसी के अधिकारियों को पानी रिसाव होने की जानकारी दी गयी थी। लेकिन प्रबंधन के द्वारा कोई भी इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझे। जिसका नतीजा है कि नये ऐश पौंड़ टूट गया। आजसू के प्रखडध्यक्ष मंजूर आलम ने कहा कि डीवीसी के नये ऐश पौंड़ टूटना एक साजिश है। पूराना ऐश पौंड आज भी मजबुती से पड़ा है। उस जगह नये प्लांट का विस्तार किया जा रहा है।

सीटू ने एसडीएम को लिखा पत्र, पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख मुआवजा देने की मांग
सीटू के जिलाध्यक्ष भागीरथ शर्मा ने बेरमो एसडीएम को पत्र लिखकर पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख मुआवजा देने की मांग किया है। कहा कि 50 परिवारों का घर का सारा समान बह गया। घर में कीचड़ युक्त पानी के अलावे कुछ भी नही बचा है। घर में रखा राशन बर्बाद हो गया। इस मामले को लेकर सीएम व बोकारो डीसी को भी पत्र लिखा है।

डीवीसी का ऐश पौंड टूटने एवं कोनार एवं दामोदर नदी में हजारों टन छाई के गिरने के मामले पर दामोदर बचाओ आंदोलन के संरक्षक तथा सूबे के मंत्री सरयू राय ने झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु नियंत्रण विभाग के सचिव को कार्रवाई एवं जांच के लिए लिखा है।

बोकारो थर्मल पावर प्लांट का ऐश पौंड टूटने से हजारों टन छाई दामोदर नदी में प्रवाहित कर दी गयी है. नदी में छाई ही छाई बह रही है। यह आपदा मानव निर्मित है. उपायक्त बोकारो एवं अनुमंडलांधिकारी बेरमो से मामले की जांच करायें। तथा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम- 1974 के प्रासंगिक प्रावधान के तहत डीवीसी प्रबंधन और ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करायें।
प्रभावित परिवारों की सूची, सुखदेव तुरी, दुर्गा तुरी, अजय तुरी, बिजय तुरी, अनिल तुरी, राखी देवी, दीपक तुरी, छुटू तुरी, संजय साव, दिलीप तुरी, राजू तुरी, राजन गंझू, गोबिंद गंझू, टेकन गंझू, कैलाश तुरी, प्रदीप तुरी, विकास तुरी, सुनील सिंह, सुनील मुडां, ढिबराइन मुडां, अजय तुरी, लक्षमी देवी, विकास तुरी, दीपक तुरी, जितेंद्र गंझू, रामा देवी, मजदूर नेता बच्चा सिंह, उप मुखिया संटू सुजय, पंसस संजय सिंह सहित अन्य लोग शामिल है।

घटना की जानकारी मिलने के बाद डीवीसी के प्रोजेक्ट हेड कमलेश कुमार, वरीय अपर निदेशक नीरज कुमार सिन्हा, दिलीप कुमार, रविंद्र कुमार, जिप सदस्य भरत यादव, राजद नेता अनवर आलम, श्रवण सिंह, आजसू नेता मंजूर आलम, भाकपा के वरीय नेता मो. शाहजहां, ब्रजकिशोर सिंह, झामुमो नेता देवनारायण महतो, आदिवासी मुलवासी जनाधिकार मंच के संयोजक नारायण महतो, मजदूर नेता बच्चा सिंह, उप मुखिया संटू सुजय, पंसस संजय सिंह सहित विभिन्न राजनीतिक दल व यूनियन के पदाधिकारी ऐश पौंड़ पहुंचे।

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