नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का सियासी संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. वहां कभी भी सरकार का तख्ता पलट हो सकता है. मुमकिन है कि मध्य प्रदेश की ही तरह राजस्थान में भी भाजपा वापस सत्ता में लौट आएगी. दरअसल अशोक गहलोत के पास विधान सभा में बहुमत नहीं है. राजस्थान में दो सौ सदस्यीय विधानसभा के लिए 101 विधायक बहुमत साबित करने के लिए चाहिए लेकिन गहलोत के पास सिर्फ 98 विधायक ही हैं. उनका 109 विधायक होने का दावा एकदम गलत है. एक मंत्री भंवरलाल इतने बीमार हैं कि वह मतदान नहीं कर सकते. स्पीकर भी दोनों पक्षों के समान मत होने पर ही मतदान करा सकते हैं. वह सरकार तभी बचा सकते हैं जब गहलोत सौ विधायक जुटा लें. ऐसा तभी संभव है जब सीपीएम के दो विधायक उनके पक्ष में वोट करें. सीपीएम विधायक पूनिया ने कुछ समय पहले गहलोत को समर्थन का भरोसा भी दिलाया था. गहलोत खेमे के 98 में से 92 विधायक ही आज जयपुर से जैसलमेर पहुंचे. कुछ मंत्री और विधायक जयपुर में ही हैं.
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