एजेंसी, बदायूं
घर-घर जाकर सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार के साथ लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अब सुरक्षित नहीं रह गई हैं. यूपी में एक आंगनबाड़ी सहायिका से हैवानियत की सारी हदें पार करने के बाद उसकी हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है. हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस पहले इस मामले को दुष्कर्म का मामला मानने को ही तैयार नहीं थी. फिलहाल मामला दर्ज कर दिया गया है और आरोपियों की तलाश की जा रही है.
बदायूं जिले में 50 साल की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। दरिंदों ने उसके गुप्तांगों में रॉड डाल दी. पीड़िता के शरीर में कई जगह गम्भीर चोटें आई हैं। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। एसएसपी संकल्प शर्मा ने थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है।
घटना तीन जनवरी की शाम की है. 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर में पूजा करने गई थी। इस दौरान मंदिर पर मौजूद महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल ने गैंगरेप किया और रात को ही अपनी गाड़ी से खून से लथपथ लाश पीड़िता के घर के सामने फेंक कर फरार हो गए। परिजनों ने उघैती थाना पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी लेकिन पुलिस परिजनों को थाने के चक्कर कटवाती रही।
पुलिस ने पहले तो गैंगरेप के बाद हत्या की घटना को झूठा बताकर कुएं में गिरने मौत होने की बात कही। मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस ने महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल के खिलाफ केस दर्ज किया है लेकिन पुलिस ने 4 जनवरी को शव पोस्टमॉर्टम न कराकर 5 जनवरी को करीब 48 घन्टे बाद कराया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी जघन्य वारदात उजागर हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला के शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं।