नीरज सिसौदिया, बरेली
अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ परिवार के तत्वावधान में उपन्यासकार एवं कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की 141 वीं जयंती स्थानीय पांचालपुरी स्थित संस्था के कैंप कार्यालय पर प्रदेश प्रवक्ता योगेश जौहरी के संयोजन में मनाई गई । जयंती पर मुंशी प्रेमचंद पर केंद्रित विचार गोष्ठी एवं काव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि राम कुमार अफरोज ने की। मुख्य अतिथि साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ एवं विशिष्ट अतिथि डॉ शिव शंकर यजुर्वेदी रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के दीप प्रज्ज्वलन एवं मुंशी प्रेमचंद जी के चित्र पर माल्यार्पण से किया गया।
कार्यक्रम में साहित्यकारों एवं संस्था- पदाधिकारियों ने मुंशी प्रेमचंद जी पर अपने- अपने विचार व्यक्त किए और मानवीय मूल्यों की स्थापना एवं हिंदी भाषा को लोकप्रिय बनाने में उनके साहित्य को महत्त्वपूर्ण बताया।
प्रदेश अध्यक्ष उ. प्र. उपमेंद्र सक्सेना एड. ने मुंशी प्रेमचंद जी के उपन्यास और कहानियों पर शोध के लिए अकादमी की स्थापना की माँग करते हुए कहा कि हिंदी भाषा को लोकप्रियता दिलाने के साथ हिंदी के उत्थान में उनकी लेखनी का बड़ा योगदान है। मानवीय मूल्यों की स्थापना में भी उनका योगदान उनके लेखन में साफ नजर आता है । कहानियाँ मार्मिक एवं हृदयस्पर्शी के साथ यथार्थ का चित्रण कराती हैं। उनका सृजन आम जनमानस से सीधा संवाद करता हैं जिसके लिए उन्हें युगों- युगों तक याद किया जाता रहेगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष राम कुमार अफरोज ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने अपने साहित्य के माध्यम से आम जनमानस में नवीन चेतना का संचार किया। वह सबसे लोकप्रिय – महान कहानीकार थे। हम उन्हें शत् शत् नमन करते हैं।
काव्य संध्या में कवियों ने अपनी रचनाओं के द्वारा मुंशी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। और उन्हें शब्दांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में सर्वश्री सुभाष राहत बरेलवी, अमित मनोज सक्सेना, बृजेंद्र अकिंचन, डॉ राम शंकर प्रेमी, गजल राज, उमेश त्रिगुणायत, जगदीश निमिष, यशवंत जौहरी एड. राहुल सक्सेना व अक्षय सक्सेनाआदि उपस्थित रहे। संचालन हास्य कवि श्री मनोज टिंकू ने किया। अंत में आभार प्रदेश प्रवक्ता श्री योगेश जौहरी ने सभी के प्रति प्रकट किया।