नीरज सिसौदिया, बरेली
स्थानीय निकाय क्षेत्र बरेली-रामपुर की चुनावी जंग अब तेज होती जा रही है। सबसे ज्यादा घमासान सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी में मचा हुआ है। भाजपा में इस बार कई नेता एमएलसी की दौड़ में शामिल हैं लेकिन फिलहाल बरेली विकास प्राधिकरण के सदस्य और भाजपा पार्षद सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा विरोधी दावेदारों को पटखनी देते नजर आ रहे हैं। लगभग तीन दशक से भी ज्यादा समय से पार्षद बनते आ रहे सतीश कातिब मम्मा के समर्थन में भाजपा मंडल अध्यक्षों और पार्षदों से लेकर हज कमेटी के सदस्यों तक सभी लोग उतर आए हैं। इन सभी ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के नाम एक समर्थन पत्र भेजकर आसन्न स्थानीय निकाय क्षेत्र बरेली-रामपुर चुनाव में सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा को उम्मीदवार बनाने का निवेदन किया है। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को मम्मा के समर्थन में पत्र लिखने वालों में सिर्फ भाजपा के ही निर्वाचित जनप्रतिनिधि शामिल नहीं हैं बल्कि समाजवादी पार्टी के भी कई निर्वाचित जनप्रतिनिधि और प्रतिष्ठित नेता भी शामिल हैं। यानी सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा के पास सपा नेताओं का भी समर्थन है।
चूंकि स्थानीय निकाय चुनावों में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि भी मतदान करते हैं और वर्तमान में निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की संख्या भाजपा की तुलना में समाजवादी पार्टी में ज्यादा है। ऐसे में अगर मम्मा को टिकट मिलता है तो मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार का चुनाव जीतना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
बहरहाल, सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा का यह दांव मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है क्योंकि फिलहाल भाजपा का अन्य कोई भी दावेदार ऐसा नहीं है जिसे पार्टी नेताओं के साथ ही विपक्षी दलों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का भी खुला समर्थन हासिल हो। बहरहाल, दिसंबर में एमएलसी चुनाव होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। फिलहाल किसी भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। ऐसे में मम्मा का यह मास्टर स्ट्रोक भाजपा के टिकट के अन्य दावेदारों के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है।
