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 साहित्य की बात : हिंदी साहित्य जगत का अनमोल सितारा “शिवानी’

हिन्दी साहित्याकाश का ऐसा दैदीप्यमान नक्षत्र जो अस्त होने के पश्चात् भी उपन्यासों, कहानियों एवं गद्य की लगभग समस्त विधाओं में जीवन्त होकर आज भी अपनी छटा बिखेर रहा है। उनके पाठक आज भी उनकी रचनाओं को बार- बार पढ़ते हैं। शिवानी का असली नाम “गौरा पंत पांडेय ‘था किंतु लेखन उन्होंने “शिवानी’ के नाम […]

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नींद चैन की आए कैसे

हाय यहाँ पर हमने देखे, गेहूँ के संग घुन पिसते और दलालों के कारण, भोले- भाले चप्पल घिसते। नींद चैन की आए कैसे, सपनों की खटिया टूटी बनता कोई काम न उनका, लगता है किस्मत रूठी बात नहीं करते अधिकारी, जो हैं यहाँ ऑन ड्यूटी और कर्मचारी भी क्यों अब, कसमें खाते हैं झूठी काली […]

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योग दिवस पर विशेष : करो योग रहो निरोग

योग से काया मनुष्य हो निरोगी स्वास्थ्य ये लाया योग करता दृढ़ता है बढ़ती रोग हटता योग आहार शुद्ध होते विचार स्वस्थ आकार अक्षय ऊर्जा योग भगाये रोग बचता खर्चा योग का मार्ग स्वास्थ्य और संयम ये रोग भाग योग से बल योग से आत्मबल शरीर चल निरोगी काया भोग विलास दूर योग की माया […]

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आप भी अपनी अधिकारी, डॉक्टर या इंजीनियर बेटी का दान करेंगे ?

निर्भय सक्सेना, बरेली  नारी का सम्मान करना चाहिए हर समाज व व्यक्ति इस बात को हमेशा दोहराता रहा है। सभी चाहते हैं नारी का सम्मान होना चाहिए। आज हर दल नारी शक्ति को आरक्षण देने की बात कर रहा है पर जब पद देने की बात आती है तो सभी दल पीछे हट जाते हैं। […]

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फादर्स डे पर विशेष : मान पर सम्मान पर…

मान पर सम्मान पर। विधाओं के नाम पर। जीवन हो प्रतिकूल पर अनुरूप कैसे जीना है। पिता हो जो साथ में तो कह दो हिमालय से। तेरा गुरुर मेरे स्वाभिमान से बौना है। पिता से सीखा है मैंने हुनर को तराशना। जीवन में जितना अंधेरा उतना मन को थामना, गिरना सम्भलना यह तो भाग्य का […]

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फादर्स डे’ पर विशेष : ‘जनक’

बरगद जैसी छाया में, हम सब सुख से रहते हैं। और जटा सी बाँहों में, सदा झूलते रहते हैं। अंधेरी रात में भी वह, सुधाकर से चमकते हैं। भविष्य की राह में भी वह, दिवाकर से विलसते हैं। जलधि जैसे गम्भीर हैं, अम्बर जैसी विशालता पाहन ह्र्दय में है निहित, भरी ममता सी कोमलता कभी […]

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प्रमोद पारवाला की कविताएं : “वीरांगना’

रानी लक्ष्मी बाई की पुण्यतिथि पर विशेष  “मणिकर्णिका’था नाम उसका, वह”मोरोपंत’ की बेटी थी । युद्ध कौशल, निशानेबाजी, घुड़सवारी की चहेती थी। मर्दानी सी रहती थी वह, मर्दों जैसा ही शौर्य था। प्रजा के लिए उसके उर मे, अद्भुत प्रेम वा औदार्य था। “गंगाधर’ से ब्याह हुआ था, झांसी की रानी बन आई। “लक्ष्मीबाई’ था […]

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आपके शब्द ही जाकर आपकी पहचान बनते हैं

आपका शब्द नहीं आपका संस्कार बोलता है। आपकी वाणी नहीं व्यक्तित्व आकार बोलता है।। योग साधना आराधना सब व्यर्थ बिना भाव के। आपका लहज़ा खुद ही हर प्रकार बोलता है।। आपकी छाप हमेशा दूसरों पर असर करती है। आपकी शालीनता दुनिया को खबर करती है।। ज्ञान सेअधिक व्यवहार बनता है सफलता की निशानी। विषम परिस्थिति […]

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तुम गैरों पर भी मेहरबान बन कर देखो…

तुम गैरों पर भी मेहरबान बन कर देखो। तुम जरा सही इंसान बन कर देखो।। बच्चों के साथ बच्चे बन कर खेलो। तुम भी जरा मासूम नादान बनकर देखो।। मत भागो हमेशा झूठी शोहरत के पीछे। तुम औरों के भी कद्रदान बन कर देखो।। जमीं पर ही रह कर जरा सोच रखो ऊँची। तुम जरा […]

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जिंदगीअभी बाकी है…

बुढ़ापा जीवन में ,मानो वरदान होता है। अनुभव की लिये ,एक खान होता है।। सफर का आखिरी ,मुकाम नहीं ये तो। फिर दुबारा चलने ,का ही नाम होता है।। उम्र से बुढ़ापे का लेना देना, नहीं होता है। विचार जवान बुढ़ापा ,कँही और खोता है।। जीने की चाह और राह , ना हो अगर। आदमी […]