विचार

शख़्सियत निशान छोड़ती है…

Share now

शख़्सियत निशान छोड़ती है।
तहज़ीब खुद से बोलती है।।

एक ही जुबाँ पर जहर शक्कर।
कहते हैं झूठी जुबां झोलती है।।

जिसको कद्र नहीं नफ़ासत की।
अंगूठी हीरे की भी यूँ रोलती है।।

अजब गजब सा आ गया जमाना।
सच्चाई झूठ के आगे डोलती है।।

*हंस* इक़ राज़ की बात बताऊँ मैं।
जिन्दगी रोज़ नया पन्ना खोलती है।।

-एस के कपूर “श्री हंस”
मो. 9897071046
8218685464

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *