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सिखों को सलाम : दिल्ली के बाद बरेली में भी लगने जा रहा है ऑक्सीजन का लंगर, अब नहीं होगा संकट

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नीरज सिसौदिया, बरेली
इंसानियत को कभी धर्म और मजहब के बंधनों में नहीं बांधा जा सकता लेकिन बात जब सेवा और समर्पण की आती है तो सिख समुदाय ही है जिसने हमेशा आगे बढ़कर मोर्चा संभाला है. फिर चाहे वह आंदोलन पर डटे बेबस किसानों की मदद का वक्त हो या फिर ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहे मरीजों की जान बचाने का. गुरु के बंदे हमेशा सबसे आगे खड़े नजर आते हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से कोरोना काल में जिस तरह से संक्रमितों की मदद के लिए बेड, अस्पताल और ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है उसकी सराहना देश ही नहीं पूरी दुनिया में हो रही है. दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के कारण जब लोगों की मौत होने लगी और सरकारें नाकाम हो गईं तो सिख समुदाय ही था जिसने ऑक्सीजन का लंगर शुरू कर हजारों लोगों की सांसें लौटाईं. इसी कड़ी में अब बरेली शहर में भी ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहे मरीजों की मदद के लिए सिख समुदाय आगे आया है. बरेली शहर में अब ऑक्सीजन का कोई संकट नहीं होगा. दिल्ली की तर्ज पर बरेली में भी छह मई से ऑक्सीजन का लंगर शुरू किया जा रहा है.
इस संबंध में सिख समुदाय से जुड़े समाजसेवी सरदार सतनाम सिंह व ज्ञानी काले सिंह ने बताया कि बरेली में पिछले दिनों ऑक्सीजन न मिलने के कारण कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी. कोरोना का प्रकोप दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है. लोगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी. कोरोना काल में किसी भी व्यक्ति को ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी भी व्यक्ति को अपनी जान न गंवानी पड़े इसी उद्देश्य से श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 400 साला प्रकाश पर्व को समर्पित नि:शुल्क ऑक्सीजन के लंगर की शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है. इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. बरेली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, श्री गुरु सिंह सभा गुरमत प्रचार सोसाइटी टर्बन एड की ओर से गुरु गोबिंद सिंह इंटर कॉलेज ग्राउंड, मॉडल टाउन बरेली में की जा रही है. इसमें मुख्य रूप से गुरु गोबिंद सिंह इंटर कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी की ओर से सहयोग किया जा रहा है.
सरदार सतनाम सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन के लंगर की शुरुआत छह मई की सुबह नौ बजे की जाएगी. इसके बाद रोजाना सुबह नौ से शाम पांच बजे तक यह लंगर चलेगा. कोई भी व्यक्ति यहां से सुबह नौ से शाम पांच बजे के बीच ऑक्सीजन ले सकता है.
बहरहाल, सिख समुदाय का यह प्रयास बरेली शहर के कथित समाजसेवी संगठनों के लिए एक मिसाल है. कोरना संकट के इस मुश्किल दौर में जनप्रतिनिधियों और तथाकथित समाजसेवियों को भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. सिख समुदाय की ओर से यह पहल उस वक्त की जा रही है जब कुछ मौका परस्त लोग सांसों की कालाबाजारी तक करने से बाज नहीं आ रहे और अस्पताल संचालक सांसों के एवज में हजारों रुपये का मुनाफा कमाने में जुटे हैं. ऐसे मुश्किल वक्त में सेवा और समर्पण की सिख समुदाय की इस पहल को इंडिया टाइम 24 परिवार भी सलाम करता है.

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