विचारों से ही कर्म का निर्माण होता है।
कर्म से ही परिणाम का भान होता है।।
विचार श्रेष्ठता बहुत जरूरी है जीवन में।
कर्मानुसार ही उत्पन्न जीवन ज्ञान होता है।।
कामयाबी चाहिये संघर्ष से घबराना नहीं।
सफलता के लिये धूप से दूर जाना नहीं।।
छाँव मिलते ही तो कदम ठहर जाते हैं।
कदापि विश्वास को यूँ ही डगमगाना नहीं।।
कभी जीत मिलती तो कभी हार होती है।
यह मंजिल कभी यूँ ही नहीं पार होती है।।
सीखता है आदमी हार कर भी जीवन में।
वो अंततः जीतता जब हार स्वीकार होती है।।
सदैव ही जीत से ही श्रृंगार नहीं होता है।
सफलता से पहले हार का उपहार होता है।।
पर जो हारते नहीं हैं मन अपना हार कर भी।
वो होते विजेता जिनको संघर्ष स्वीकार होता है।।
रचयिता-एस के कपूर “श्री हंस
बरेली
मो-9897071046
8218685464