विचार

मैं तो भारत भाग्य विधाता हूँ,

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मैं इक कर्तव्यनिष्ठ मतदाता हूँ।
तू भारत भाग्य विधाता
रखता मताधिकार है।
तेरे वोट से ही तो चुनी
जातीअच्छी सरकार है।।
मतदान के दिन परम्
कर्तव्य है यह तुम्हारा।
वोट देकर दिखाना तुझे
अपना सरोकार है।।

मैं भारत भाग्य विधाता
हूँ,मैं इक मतदाता हूँ।
वोट से अपने देश की
पहचान मैं बनाता हूँ।।
उँगली का कालानिशान
भाग्य रेखा देश की।
देकर वोट अपना मैं
पहला फ़र्ज़ निभाता हूँ।।

राष्ट्र के उत्थान का
आधार ही मतदान है।
इसी में निहित तेरा मेरा
और सबका सम्मान है।।
वोट की शक्ति जानोओ
उसका प्रयोग करो।
नहीं वोट देने का अर्थ
कि देश प्रेम वीरान है।।

वोट उसको दें जो
कि स्वप्न साकार करे।
जो हमारे सुख दुःख
कोअपना स्वीकार करे।।
लोकतंत्रयज्ञ चुनावपर्व
मेंआहुति परमावश्यक।
दें वोट उसको ही जो
जनहित में उद्धार करे।।

अब हमें शत प्रतिशत
ही मतदान चाहिये।
अपने राष्ट्र की विश्व में
ऊंचीआनबान चाहिये।।
अपने से देश हमको
रखना सबसे ऊपर।
बस एकता के रंग मैं
रंगा हिंदुस्तान चाहिये।।

रचयिता।।एस के कपूर श्री हंस
बरेली।

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