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प्रकृति, मानवता की प्राणवायु

हर इक़ घर हरा भरा घर हो। प्रकृति की रखवाली से खरा घर हो।। प्रकृति जीवनदायिनी ये सत्य जान लें। प्रकृति की खुशहाली से जड़ा घर हो।। वृक्ष जैसेअमृतपुत्र लक्ष्य इनका महान है। वृक्षों से मिलती प्राणवायु जैसे वरदान है।। जब मिले अवसर पौधरोपण जरूर करें। मानवता को मिलता इससे जीवनदान है।। प्रकृति सुरक्षित तो […]

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2अक्टूबर गाँधी एवं लाल बहादुर जयंती पर अर्पित पुष्पांजलि

आज पुनः आभास हो रहा बापू ने अवतार लिया है। लाल बहादुर की स्मृति ने रोम-रोम भर आह्लाद दिया है। ह्रदय पट पर फिर बापू की, वैसी ही तस्वीर बनी है। तन पर धोती कर में लाठी, मुख पर तेज लकीर बनी है । जन-जन के उर में बापू ने सौम्यपूर्ण अधिकार किया है। आओ […]

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बिटिया दिवस पर विशेष : “तनुजा’

यह मेरी पूजा का फल है, इसके बिना जीवन निष्फल है। सौम्य रूप जैसे चंदा का, ज्यूँ पावन गंगा का जल है। यही मेरे नयनों की ज्योति, बन मेरे आँगन में आई। जीवन के इस अंधियारे में, आस किरन बन कर लहराई जब इसके नयनों से मोती तुहिन कणों जैसे झरते है। मेरे उर का […]

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दीनदयाल उपाध्याय जी को हम भुला न पाएं…

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती (25 सितंबर) पर विशेष  दिखा गए जो मार्ग यहाँ वे, उसको सब अपनाएँ दीनदयाल उपाध्याय जी को हम भुला न पाएँ। सन् उन्निस सौ सोलह में पच्चीस सितंबर आई नगला चंद्रभान मथुरा में, खुशियाँ गईं मनाई पिता भगवती प्रसाद जी माता बनीं राम प्यारी उठा पिता का साया फिर […]

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हर दिल में बसता हिंदुस्तान है हिंदी…

हम सबका हर पल हर क्षण हिंदी के साथ हो। हिंदी हमारी मातृ भाषा उसके हाथों में हाथ हो।। प्रत्येक प्रयास हो हिंदी में ही कार्य करने का। हिंदी की बिंदी ही भारत माता के माथ हो।। निज भाषा से कार्य में ही राष्ट्र उत्थान निहित है। निज भाषा मान में ही देश का गौरवगान […]

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हिंदी हिन्द की बन चुकी पहचान है…

सरल सहज सुगम भाषा वो बोली हिंदी है। सौम्य और सुबोध आशा वो बोली हिंदी है।। आत्मीय अभिव्यक्ति है उसका प्राण। सुंदर और सभ्य परिभाषा वो बोली हिंदी है।। संस्कृति संस्कार की वो एक फुलवारी है। हिंदी बहुत मधुर भाषा वो तो जग से न्यारी है।। भारत लाडली वीरता की है गौरवगाथा। हिंदी ह्रदय की […]

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हिंदी है आँखों का तारा…

गीत -उपमेंद्र सक्सेना एड. करते हैं अभिव्यक्ति उसी की, भाव उठे जो मन में प्यारा जननी जन्म-भूमि जैसी ही, हिंदी है आँखों का तारा। बदलें आज मानसिकता को, हिंदी को अब हम अपनाएँ अपनी भाषा में है जो रस, और कहीं हम उसे न पाएँ जो अब सबके दिल को छू ले, उसमें अपनापन है […]

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प्रमोद पारवाला की कविताएं : “हिंदी दिवस’

एक ही अर्थ है दोनों के ही , बिंदी , हिंदी भाषा के, एक सजती माथे जन-जन के, दूजी भारत-माता के। मन की अभिव्यक्ति की भी तो , यह ही माध्यम बनती है, प्रेम,स्नेह,श्रद्धा शब्दों में, यह ही व्यंजित करती है। कितनी समृद्ध,स्नेहमयी सी, यही पुरातन भाषा है, भावों की कर सरल व्यंजना, जन-मन भरती […]

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शिक्षक -दिवस पर विशेष : “गुरु के प्रति’

गुरुओं में श्रद्धा रख जब हम , आगे कदम बढ़ायेंगे , सच जानो यह विघ्न ही सारे, हमको राह दिखायेंगे । गुरुओं के पद्चिन्हों पर चल, लक्ष्य जब अपना पायेंगे , तब जानो यह ऊँचे पर्वत , हमको शीश झुकायेंगे । गुरुओं ने ही हम में इतना, ज्ञान, मान ,स्वभिमान भरा , गुरुओं ने रोपा […]

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प्रेम की नज़र है तो फिर मुस्कराती हुई आबाद है जिन्दगी

जियो तो खुशियों की मीठी सौगात है जिन्दगी। जी कर देखो अच्छी यादों की बारात है जिन्दगी।। ढूंढो हर पल में खुशियों के लम्हें तुम। प्रेम की नज़र से देखो मुस्काती हर बात है जिन्दगी।। जिन्दगी और कुछ नहीं बस जज्बात है जिन्दगी। तुम्हारे अपनी मेहनत की ही करामात है जिन्दगी।। भाईचारे की मीठी जुबान […]