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जिन्दगी जियो कुछ अंदाज़ और कुछ नज़रअंदाज़ से

जिन्दगी रोज़ थोड़ी थोड़ी सी व्यतीत हो रही है। कुछ कुछ जिन्दगी रोज़ ही अतीत हो रही है।। जिन्दगी जीते नहीं आज हमें जैसी जीनी चाहिये। कल आएगी मौत सुनकर बस भयभीत हो रही है।। कांटों से कर लो दोस्ती गमों से भी याराना कर लो। हँसने बोलने को कुछ न कुछ तुम बहाना कर […]

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एसके कपूर की कविताएं : रक्षाबंधन..

नहीं खंडित हो कभी, ये भाई बहन का प्यार। विस्तार तो हैअनंत इसका, महिमा भी अपरम्पार।। स्नेहप्रेम का बंधन यह नहीं, केवल एक रक्षा सूत्र। बस एक धागे में पिरो दिया, वचनबद्धता का संसार।। भाई बहन के प्रेम स्नेह, का प्रतीक है रक्षा बंधन। एक सूत्र की ताकत का, ये यकीन है रक्षा बंधन।। सदियों […]

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जनता की सेवा से क्या लेना- देना…

जो तिकड़म के ताऊ हैं वे आज भला, गली- गली की खाक यहाँ क्यों छानेंगे जनता की सेवा से क्या लेना- देना, अपना उल्लू सीधा करके मानेंगे। इधर खूब सत्ता से जुड़े लोग हैं तो, उधर घूमते हैं लाचार और निर्बल सदा ‘न्याय तक पहुँच’ योजना चलती है, नहीं समस्या का निकला फिर भी तो […]

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लोकतंत्र की उड़ी धज्जियां…

किसने जहर उड़ेला बोलो, अपनी ही संतान में लोकतंत्र की उड़ी धज्जियाँ, क्यों अफगानिस्तान में। माताएँ- बहनें उत्पीड़ित, होती हैं अब खूब वहाँ सिसक रही हैं वे बेचारी, जाएँ भी तो भला कहाँ पहुँच न पाएँ आज उस जगह, अपनापन अब मिले जहाँ उनकी बदहाली की सुनकर, लोग हुए नाराज यहाँ जो संवेदनहीन हो गए, […]

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हर दिल में प्यार का कारोबार चाहिये…

हर दिल में प्यार का कारोबार चाहिये। सबके अंदर महोब्बत लगातार चाहिये।। चाहिये अमन चैन सकूं की ही बात। हर हक़ का असली ही हक़दार चाहिये।। कर्तव्य निभायें तभी ही अधिकार चाहिये। पतझड़ नहीं हर बाग में बहार चाहिये।। चाहिये भावना सवेंदना का ज्वार दिलों में। हर व्यक्ति में मानवता का संचार चाहिये।। हर आदमी […]

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डा. कौशल कुमार की कविताएं-1, शिव हूं मैं…

नहीं मात्र खनिजों का मिश्रण एक पत्थर नहीं हूं मैं, करो भाव मुझमें समर्पण तो ” जीवधारियों” का कल्याण हूँ मैं ( सर्व भूतहिते रता: ) करों आस्था और सदाचार से पूजित तो अनादि धर्म हूँ मैं आत्मसात करने को गरल (विष) समस्त सृष्टि का “नील कंठ” “त्रिनेत्र”, “महेश्वर “ “मृत्युंजय, ” हूँ मैं लोककल्याण […]

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शहीदों की शहादत को नमन है हमारा…

वीरों की वीरता से चमन है हमारा , शहीदों की शहादत को नमन है हमारा लहू से अपने गुलशन को सजाया, हमारा प्यारा हिन्दुस्तान बचाया। भुलायी नहीं जाती है उनकी कुर्बानी बचपन से सुनी हमने जिनकी कहानी। लहू से जिनके था ये देश रंगा याद है दिलाता आज उनकी ये तिरंगा । हम सबको आज […]

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15 अगस्त पर विशेष : शत कोटि नमन, शत कोटि नमन…

शत कोटि नमन शत कोटि नमन, करते हैं शहीदों तुमको हम। तुमने दी ऐसी कुर्बानी, हो गया लाल काला पानी, हिल गये कलेजे दुश्मन के, बस मौत अमर करके मानी। शत कोटि नमन शत कोटि नमन, करते हैं शहीदों तुमको हम। तुम भी तो लाल किसी के थे, राखी की लाज किसी के थे, वलिदान […]

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आस्तीन में नाग छिपे जो…

नाग पंचमी के अवसर पर, नागों का पूजन कर आएँ आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ। मानवता का ओढ़ लबादा, सेवा का जो ढोंग कर रहे जिसको चाहें डस लेते वे, पीड़ित कितना कष्ट अब सहे इच्छाधारी बने आज जो, वे तो हैं सब से टकराएँ आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे […]

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एसके कपूर की कविताएं : स्वागतम मेघराज…

बादल वर्षा मे निहित अन्न जल का राज है। इसी से धरा सिंचित और पैदा होता अनाज है।। यह फसल की उपज और नदी नाले सब कुछ। मेघराज तेरे लिये सब ही मोहताज़ है।। बारिश से ही जन जीवन रहता सुरक्षित है। फसल नष्ट यदि भू भाग जल वंचित है।। मेघराज तुम्हारा करते हैं हम […]