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राजयोग के बाद कैसे मिलता है नर्क, इस ज्योतिषाचार्य ने खोल दिया मोदी सरकार का सारा खेल, पढ़ें चौंकाने वाला सच

नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली राजयोग के दौरान अगर शासक तानाशाह हो जाए तो उसे नर्क अवश्य झेलना पड़ता है. मोदी सरकार भी कुछ इसी रास्ते पर चल रही है. यह हम नहीं बल्कि विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य नरेश नाथ कह रहे हैं. किसान आंदोलन से लेकर बैंकों का करोड़ों रुपया डकारने वाले धन कुबेरों को […]

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राख में भी चिंगारी ढूंढ लायो, यही जीत की रीत है…

हालात खराब हों तो जरा समझदारी दिखलाइये। राह में हों पत्थर तो जरा आप जोरदारी लगाइये।। पर हार हो सामने तो भी हार को मानना नहीं। कोशिश करके राख में से चिंगारी ढूंढ लाइये।। डूबते को तिनका भी किनारा बन जाता है। तेरी सोच से ही जीत का सहारा बन जाता है।। कपड़ों में नहीं […]

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दिल हमेशा दिल से ही जीता जाता है

हर हाल में जीवन की यह जंग हमें जीतनी है। जान लो कि जिंदगी दुःख सुख के संग रीतनी है।। रंग बेरंग हर ढंग मिलता है इस एक जीवन में। यही हो कोशिश न होकर तंग उम्र ये बीतनी है।। यही हो कोशिश हमारी कि जुबां पर मीठे बोल रहें। हों ऐसे कर्म कि जिन्दगी […]

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नया दशक और नया साल, अब भाग कॅरोना भाग

कल कॅरोना से दूर से मुलाकात हो गई। बस सामने सामने आंखों आँखों में बात हो गई।। कॅरोना बोला आयो गले मिलो, हाथ तो मिलायो। मैंने कहा कि कहानी सब, यह समाप्त हो गई।। कॅरोना बोला बड़े ही, चालाक सयाने लगते हो। जानते नहीं मेरे पास, जीवाणु विषाणु वाइरस है।। तुम्हारे पास क्या है। मैंने […]

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मत हारो जीवन से कि यह जिन्दगी अनमोल है

जो हराता है अंधकार को वही फिर सूरज बनता है। अपने अच्छे कर्मों से पूजी जाये वो मूरत बनता है।। परिश्रम जिनकी आदत हो सफलता बनती है तकदीर। हर व्यक्ति की चाहत फिर वह ऐसी सूरत बनता है।। कठनाई इक रुई थैले जैसी भारी मजलूम होती है। अगर उठा कर देखो तो फिर हल्की मालूम […]

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बड़े शहर, पत्थर के दिल होते हैं जो धड़कते नहीं हैं

बड़ी अजीब सी बड़े शहरों की रोशनी होती है। दिन खूब हंसता पर रात बहुत रोती है।। उजालों में भी चेहरे यहां पहचाने नहीं जाते। सच सिसकता और झुठलाई नींद चैन की सोती है।। आदमी भटकता रहता है यहां कंक्रीट के जंगलों में। संवेदना सुप्त रहती है यहां सबकी धड़कनों में।। फायदे नुकसान के गणित […]

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एसके कपूर ‘श्री हंस’ की कहानियां-1, अपने ही खून के द्वारा न्याय

न्यायमूर्ति प्रकाश सिंह के यहां ,निर्मला देवी को घरेलू काम करते, 6 वर्ष बीत चुके थे। इन 6 सालों में इतना तो जान चुकी थी ,कि साहब थोड़े से ऐय्याश किस्म के आदमी और मालकिन सविता जी बहुत ही पूजा पाठ वाली सीधी साधी महिला हैं। एक दिन निर्मला की बेटी सीता, इतवार को कुछ […]

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डालें अच्छे बीज कि कर्म की फसल संबको काटनी पड़ती है

कर्म की फसल सबको ही काटनी पड़ती है। अपने रास्ते की झाड़ी खुद ही छाँटनी पड़ती है।। और कोई नहीं बांटता हमारी करनी का कुफल। नफ़रत की धूल खुद ही हमें फाँकनी पड़ती है।। दुःख संघर्ष हार बाद भी जन्म विश्वास का होता है। जो कष्टऔर धैर्य से घबरा गया वो निराश होता है।। हार […]

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अपने किरदार को जियें बहुत ही शिद्दत से जिंदगी में…

आओ करें दुनिया में कुछ काम हम ऐसा। दुनिया चाहे बनना फिर हम ही जैसा।। किरदार को जियें जिंदगी में ऐसी शिद्दत से। जाने से पहले बनाये अपना नाम कुछ हम वैसा।। विश्वास झलके हमारे हर किरदार में। कुछ कर गुजरने का यकीन हो चाल ढाल में।। जान लो हमारे शरीर का हर अंग बोलता […]

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मिट्टी का बदन और सांसें उधार की हैं

मिट्टी का बदन और सांसें बस उधार की हैं। जाने घमंड किस चीज़ का बात विचार की है।। आदमी बस इक किरायेदार मेहमान कुछ दिन का। नहीं उसकी हैसियत यहां पर जमींदार की है।। जिन्दगी हमें हर मोड़ पर रोज़ आज़माती है। कुछ नई रोज़ हमें बतलाती और सिखलाती है।। सुनते नहीं हम बात अंतरात्मा […]