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एक, दो, तीन, महंगाई ने बजा दी बीन…

एक, दो, तीन महंगाई ने बजा दी बीन चार, पांच, छह ज्यादा पैसे देकर कम सामान ले सात, आठ, नौ महंगाई कहती है तू चैन से मत सो दस, ग्यारह, बारह पैसा बन चुका है सबका सहारा इसके बिना नहीं हो रहा गुजारा मैं कहती हूं टैक्स घटाओ आम आदमी को महंगाई में न जलाओ […]

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त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा हुआ है…

त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा हुआ है, केवल वही बचा हुआ है, जो घर में रहता है, लाकडाउन को सख्ती से लेता है। मास्क और साबुन का रोज इस्तेमाल करता है। इस खतरनाक वायरस से हमें घऱ में रहकर लड़ना है। कोविड-19 से बिल्कुल नहीं डरना है, क्योंकि अब हमें नहीं इसे मरना है। चिकित्सक, वैज्ञानिक और मीडिया […]

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धर्म का दुरुपयोग बन सकता है तीसरे विश्व युद्ध की वजह

नरेश नाथ (ज्योतिष रत्नाकर) हिंदू धर्म सनातन धर्म है यानी सबसे पुराना धर्म है. ब्रह्मा जी ने सृष्टि पर सबसे पहले इंसान को बनाया था जो हिंदू के रूप में था और फिर सप्त ऋषि ब्रह्मा जी के 10 मानस पुत्र और उसके बाद दक्ष प्रजापति की उत्पति की और उनसे आगे फिर मनु संहिता […]

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केजरीवाल@3.0 : न सियासी दुश्मनों की बात, न अन्ना टोपी दिखी साथ

आनंद सिंह 2013, 2015 और 2020…इन तीनों वर्षों में अरविंद केजरीवाल को शपथ लेते मैंने देखा। 2013 के शपथ ग्रहण समारोह में जबरदस्त भीड़ थी। 2015 के शपथ ग्रहण समारोह में जबरदस्त भीड़ थी। 2020 के शपथ ग्रहण समारोह में भी जबरदस्त भीड़ थी। मजेदार बात सुनिए-इन तीनों शपथ ग्रहण समारोहों में से मैं किसी […]

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झारखंड ने संदेश भी दिया है और संकेत भी

जिन क्षत्रपों को आपने पैदा किया, सींचा, पाला,पोसा, बड़ा किया। उनके अहंकार ने पार्टी संगठन के मूल( कार्यकर्ताओं) पर मट्ठे का प्रयोग शुरू कर दिया। ऐसे चाणक्य बनाए जो खुद की जड़ों में ही दीमक लगाने का उत्पाद देते रहे। यही नहीं राम के नाम और आदर्शों पर चलने वाली पार्टी हैं आप। तो राम […]

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आत्माओं से सीधी बात-2, गोरखनाथ की विद्या के आगे दस मिनट भी नहीं टिक पाई अतृप्त आत्मा

नरेश नाथ की कलम से  शादी विवाह करते वक्त सावधानियां बरतने  और गुरुओं, सिद्धों के आशीर्वाद युक्त उपायों की क्यों आवश्यकता होती है? इसी विषय के संदर्भ में मैं आपको सन 2004 के एक किस्से से रूबरू करवाता हूं. उन दिनों मैैं बैैंक में जॉब करता था. मैं बैंक से शाम को छुट्टी कर आ […]

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फडणवीस बेवकूफी कर गए?

आनंद सिंह, नई दिल्ली  सत्ता का जो ड्रामा आज महाराष्ट्र में खेला गया, इसे क्या माना जाए? क्या यह कि भाजपा को अब सत्ता पाने के लिए सेटिंग करनी नहीं आती? या फिर यह कि फडणवीस बेवकूफी कर गए? फडणवीस ने जिस तरीके से सत्ता ठुकराई थी, उस ठोकर से जनता के बीच उनकी इमेज […]

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बदले की राह पर मोदी सरकार, निशाने पर गांधी परिवार

नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली केंद्र की सत्ता पर नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार के दोबारा काबिज होने के बाद देश के सियासी और सामाजिक हालातों में कुछ अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिल रहे हैं. कश्मीर और राम मंदिर जैसे मसलों का स्थाई समाधान मिलने के साथ ही गांधी परिवार और उसके करीबियों को निशाना बनाया […]

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मेरा देश बदल रहा है : वकीलों को इंसाफ चाहिए, पुलिस को सुरक्षा

नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में हिन्दुस्तान की जो बदलती तस्वीर सामने आ रही है वह पिछले सत्तर सालों में देखने को नहीं मिली. राजधानी के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब लोगों को इंसाफ दिलाने वाले खुद इंसाफ के लिए आत्महत्या और आत्मदाह जैसी कोशिशें करने को […]

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सविनय अवज्ञा आंदोलन में महिलाओं की सहभागिता

डॉ. कामिनी वर्मा दिसंबर 1929 लाहौर में रावी नदी के तट पर हुए कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में पूर्ण स्वराज राष्ट्रीय आंदोलन का लक्ष्य रखा गया । 26 जनवरी 1930 को सम्पूर्ण देश मे स्वतंत्रता दिवस भी मनाया गया। पूर्ण स्वराज्य प्राप्ति के उद्देश्य से नमक कानून तोड़ो आंदोलन आरम्भ करने का निश्चय किया गया। […]