विचार

हिंदी हिन्द की बन चुकी पहचान है…

सरल सहज सुगम भाषा वो बोली हिंदी है। सौम्य और सुबोध आशा वो बोली हिंदी है।। आत्मीय अभिव्यक्ति है उसका प्राण। सुंदर और सभ्य परिभाषा वो बोली हिंदी है।। संस्कृति संस्कार की वो एक फुलवारी है। हिंदी बहुत मधुर भाषा वो तो जग से न्यारी है।। भारत लाडली वीरता की है गौरवगाथा। हिंदी ह्रदय की […]

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प्रेम की नज़र है तो फिर मुस्कराती हुई आबाद है जिन्दगी

जियो तो खुशियों की मीठी सौगात है जिन्दगी। जी कर देखो अच्छी यादों की बारात है जिन्दगी।। ढूंढो हर पल में खुशियों के लम्हें तुम। प्रेम की नज़र से देखो मुस्काती हर बात है जिन्दगी।। जिन्दगी और कुछ नहीं बस जज्बात है जिन्दगी। तुम्हारे अपनी मेहनत की ही करामात है जिन्दगी।। भाईचारे की मीठी जुबान […]

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जिन्दगी जियो कुछ अंदाज़ और कुछ नज़रअंदाज़ से

जिन्दगी रोज़ थोड़ी थोड़ी सी व्यतीत हो रही है। कुछ कुछ जिन्दगी रोज़ ही अतीत हो रही है।। जिन्दगी जीते नहीं आज हमें जैसी जीनी चाहिये। कल आएगी मौत सुनकर बस भयभीत हो रही है।। कांटों से कर लो दोस्ती गमों से भी याराना कर लो। हँसने बोलने को कुछ न कुछ तुम बहाना कर […]

यूपी

भगवद गीता उपदेशक भगवान…

करावास में जन्म लिया और कंस का नाश किया। भागवतगीता दियाउपदेश कौरवों का भी विनाश किया।। रच कर रासलीला भी तुम तो निच्छल प्रेमप्रतीक बने। लेकर अवतार विष्णु द्वापर में सृष्टि नवविन्यास किया।। बने गोवर्धन धारी वृंदावन को बचाया इंद्रवर्षा से। बन कर भी द्वारिकाधीश मिले सुदामा को हर्षा से।। अखिल ब्रह्मांडआलोकित हुआ प्रेम व्यवस्था […]

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एसके कपूर की कविताएं : रक्षाबंधन..

नहीं खंडित हो कभी, ये भाई बहन का प्यार। विस्तार तो हैअनंत इसका, महिमा भी अपरम्पार।। स्नेहप्रेम का बंधन यह नहीं, केवल एक रक्षा सूत्र। बस एक धागे में पिरो दिया, वचनबद्धता का संसार।। भाई बहन के प्रेम स्नेह, का प्रतीक है रक्षा बंधन। एक सूत्र की ताकत का, ये यकीन है रक्षा बंधन।। सदियों […]

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हर दिल में प्यार का कारोबार चाहिये…

हर दिल में प्यार का कारोबार चाहिये। सबके अंदर महोब्बत लगातार चाहिये।। चाहिये अमन चैन सकूं की ही बात। हर हक़ का असली ही हक़दार चाहिये।। कर्तव्य निभायें तभी ही अधिकार चाहिये। पतझड़ नहीं हर बाग में बहार चाहिये।। चाहिये भावना सवेंदना का ज्वार दिलों में। हर व्यक्ति में मानवता का संचार चाहिये।। हर आदमी […]

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एसके कपूर की कविताएं : स्वागतम मेघराज…

बादल वर्षा मे निहित अन्न जल का राज है। इसी से धरा सिंचित और पैदा होता अनाज है।। यह फसल की उपज और नदी नाले सब कुछ। मेघराज तेरे लिये सब ही मोहताज़ है।। बारिश से ही जन जीवन रहता सुरक्षित है। फसल नष्ट यदि भू भाग जल वंचित है।। मेघराज तुम्हारा करते हैं हम […]

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जीती रहो ,जीतती रहो, भारत की बेटी हो तुम…

जीती रहो जीतती रहो देश की बेटी हो तुम। हर कांटा बीनती रहो देश की बेटी हो तुम।। तुम से ही आस तुम से ही भविष्य देश का। काम नया सीखती रहो देश की बेटी हो तुम।। तुम से सुशोभित है हर क्षेत्र देश का आज। तुम से निर्मित हो रहा हर कोई देश का […]

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किसी के अंधेरे का जरा चिराग बन कर देखिए…

किसी के अंधेरे में चिराग बन कर देखिए। किसी की आँखों का ख्वाब बन कर देखिए।। दर्द दूसरों का भी अपना कर जरा देखो। किसी हारते हुए का लगाव बन कर देखिए।। गिरते हुए को जरा संभाल कर तुम देखो। अपनी नज़र के जरा पार भी तुम देखो।। हाथ बढ़ाओगे तो आँसुयों में मुस्कान मिलेगी। […]

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मैं एक कलम का सिपाही हूँ…

मैं एक कलम का सिपाही हूँ।। मैं राजनीति का मंच हूँ। मैं लिये व्यंग का तंज हूँ। मैं विरोधी पर पंच हूँ।। मैं एक कलम का सिपाही हूँ।। मैं भूख का निवाला हूँ। मैं मंदिर ओ शिवाला हूँ। मैं देश का रखवाला हूँ।। मैं एक कलम का सिपाही हूँ।। मैं सबकी सुनता कहता हूँ। नहीं […]