यूपी

बाहर निकले इक जमाना हो गया…

बाहर निकले इक़ जमाना हो गया इस दौर में बंद आना जाना हो गया वो हँसी कहकहे महफिलों के दौर वो सब लगता पुराना फसाना हो गया यह कोरोना की बवा हवा ऐसी चली हर आदमी आज निशाना हो. गया लगता है इंसानियत को मिली सजा हर शख्स पर आज जुर्माना हो गया घर बैठना […]

विचार

लोग दिल में भी दिमाग लिये घूमते हैं…

लोग दिल में भी दिमाग लिये घूमते हैं क्या कहें उजाले में चिराग लिये घूमते हैं दर्द होता नहीं है सीने में दर्द देख कर जुबान पर भी अपने आग लिये घूमते हैं मोहब्बत की तिजारत का करते कारोबार दिल दिमाग में तो द्वेष राग लिये घूमते हैं जहर बुझा सा हो गया अब यह […]

विचार

देखना कि कोई ज़ख्म नासूर न बन जाये…

देखना कि कोई ज़ख्म नासूर न बन जाये बिना वजह कोई बात कसूर न बन जाये लाज़िम कि बोलें हर बात सोच समझ के कोई बात यूँ ही बेहूदा शहूर न बन जाये दिल दुखाने का किसी को अख्तियार नहीं चाहे कोई कितना भी क्यों मशहूर न बन जाये धन दौलत यह सब तो आनी […]

विचार

आज दूरी ही दवा हो गई है…

आज दूरी ही दवा हो गई है। बात मिलने की हवा हो गई है।। इस कातिल बीमारी ने डेरा डाला। पूरी दुनिया में फैल ये वबा हो गई है।। यूँ पाबन्दियों का दौर ऐसा चला है। जिन्दगी मानों कि सज़ा हो गई है।। जिन्दगी का हिसाब किताब बिगड़ गया। घर बैठना जिंदा रहने की वजहा […]

देश

रुक-रुक कर घर में जीत के दावेदार बनें…

रुक कर घर में जीत के दावेदार बने सावधानी का दूसरों को इश्तिहार बने सलीका अभी जीने का कुछ बदलना पड़ेगा आप इस मुसीबत में इक़ सिपहसालार बनें ऐसी क्या मजबूरी जिन्दगी से ज्यादा जरूरी क्यों अपनों के लिए ही आप सितमगार बनें खुद से खुद पर ही लगाओ जरा पाबंदी आप खुद से ही […]

देश

एसके कपूर की गजलें : बहुत जरूरी है…

खौफ का मंजर होना समझदार जरूरी है इस बेवक्त की बवा में इक़ किरदार जरूरी है थोड़ा ठहर जायो कि तूफान निकल जाये निकलने को बाहर इन्तिज़ार जरूरी है सदी में एक बार आती दुनिया में ऐसी बीमारी ईलाज इसका होना सिलसिलेवार जरूरी है जान लेवा बीमारी है पर हम यकीनन जीतेंगे वक़्त की सुनना […]

विचार

शुभ नवरात्रि महिमा अपार

माँ जयकार शक्ति ओ भक्ति जागे बेड़ा हो पार पापनाशिनी दुर्गा चंडी रूपा तू सिंह वाहिनी तेरा श्रृंगार भक्ति भरे अपार करे उद्धार माँ तेरा नाम बिगड़े काम बने न हो नाकाम माँ आशीर्वाद जब प्राप्त हो जाये मिटे विवाद भक्ति ओ आस्था मिले गुम वो रास्ता हो माँ से वास्ता जौ का कसोरा पूजन […]

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चलो एक पौधा प्रेम का, मिलकर लगाया जाये…

चलो एक पौधा प्रेम का, मिलकर लगाया जाये। महोब्बत ही खुदा यह ,संबको बताया जाये।। नफरत करने वाले ,कभी भी पनपते नहीं। इस बात को अब, संबको दिखाया जाये।। मायूसी और उदासी से ,निकलें लोग जरा। हौसलों का नगमा ,संबको सुनाया जाये।। मिलकर जीने में ही है ,कौम की भलाई। इस बात को बहुत दूर, […]

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इक़ जमाना बीत गया भीगे बरसात में…

सोते नहीं छत पे पहले जैसे रात में। लगाते नहीं गले हर मुलाकात में।। बदल गया चलन अब जमाने का। देखते हैं कीमत हर भेंट सौगात में।। चकाचौंध रोशन बन गई दुनिया। अब यकीं घट गया जज्बात में।। बडे बूढ़ों के आशीर्वाद में रहा नहीं यकीं। बौखला जाते हैं बुजुर्गों की लात में।। दुनिया की […]

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शख़्सियत निशान छोड़ती है…

शख़्सियत निशान छोड़ती है। तहज़ीब खुद से बोलती है।। एक ही जुबाँ पर जहर शक्कर। कहते हैं झूठी जुबां झोलती है।। जिसको कद्र नहीं नफ़ासत की। अंगूठी हीरे की भी यूँ रोलती है।। अजब गजब सा आ गया जमाना। सच्चाई झूठ के आगे डोलती है।। *हंस* इक़ राज़ की बात बताऊँ मैं। जिन्दगी रोज़ नया […]